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Zindgi ki Haqiqat Khwab Hai -Dr. Anwer Jamal

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  बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम पवित्र क़ुरआन में नींद को अल्लाह की निशानियों में बताया गया है और हमें अपने सोने और जागने में ग़ौर करने के लिए कहा गया है। रब ने सोने और जागने के राज़ से सूरह यासीन की आयत नंबर 52 में पर्दा हटा दिया है। क़ियामत के रोज़ उठने पर कुछ लोग कहेंगे कि हमें किसने जगा दिया?  इससे पता चला कि यह ज़िन्दगी एक ख़्वाब (सपना Dream) जैसी है। इसलिए जिंदगी की हक़ीक़त को समझना है तो हमें नींद और सपने की हक़ीक़त को समझना होगा। इस विषय पर हम हर धर्म और हर मस्लक के आलिमों और स्कॉलर्स की रिसर्च को पढ़ेंगे। शिया विद्वानों की एक रिसर्च देखें: Belief in the existence of the soul from the unseen world is an accepted fact among the followers of the Abrahamic religions and is the first condition for using the guidance of God (Surah Baqara, 2)  1 ,  2 . Belief in “Resurrection ", eternal life of the soul and living after death in the unseen world is the principle of monotheistic religions  3 ,  4 . From the perspective of Islam, the soul gives existence to hu...